Ek kahani Meri Bhi

रात के 11 बजे है और मैं कमरे में अकेला बैठ कुछ सोच रहा हूँ। फिर कुछ याद आया तो पाया बादलों से चाँद नदारद है ऐसा लगता है बारिश के बादलों ने आसमान को अपनी बाँहों के घेरे में कैद कर लिया हो। शहर लगभग सो चूका है।
मुझे नींद आ रही है या नहीं इसका जवाब मैं नहीं लिख सकता। शायद मैं नींद की ही कैद में हूँ इसलिए उसके होने का एहसास कम है। होता है न जब आप इश्क़ में होते हो तो उसके होने का एहसास उस पल सबसे कम होता है।
मुझे लगता है मैं नींद में झूठ नहीं बोल पाता, इसलिए इस नींद की खुमारी में ही तुम्हारे या मेरे लिए कुछ लिखना चाहता हूँ । यूँ तो आज जबसे घर आया हूँ तुमसे बात करने को जी चाह रहा था पर क्या बात करनी है सूझा ही नहीं। इश्क़ एक तरफ़ा हो तो भी बातों के लिए बात मिल जाये पर जब रिश्ता इश्क़ की अनकही शब्दों की जंजीरो में जकड़ा हो तो तो बात क्या की जाये।
सुबह से शाम तक तुम्हारे साथ था। दिन कब गुजर गया पता नहीं चला, अब जब कमरे में अकेला बैठा तुमसे बात करने के बारे में सोच रहा हूँ तो लग रहा है की आज ऐसा क्या बीता जो तुमसे बात करने का इतना मन कर रहा है । दिन भर की हमारी कहानी में कुछ ऐसा था जो मेरे साथ चला आया है । लगता है तम्हारे हिस्से की कुछ जिंदगी मैं अपने साथ ले आया हूँ, जो इस ख़ाली कमरे में मेरे होने साथ तुम्हारे होने का एहसास करवा रही है।
दिन खूबसूरत था, क्या अच्छा हुआ मालूम नहीं। शायद तुम्हारा साथ होना ही इस दिन को बेहतर से बेहतरीन बना गया ।
याद करने को कोशिश करता हूँ की आज की सबसे खूबसूरत बात क्या थी? याद नहीं आती । आज एक दिन में कई कहानियां बुनी है हमने, कोनसी सबसे खूबसूरत कह पाना सच में मुश्किल है, इसलिए सबसे बेहतर की खोज बीच में ही छोड़ मैं अगली उलझन में खो जाता हूँ।
पता नहीं किस किताब के कोनसे पन्ने पर लिखा है की एक व्यक्ति एक समय पर सिर्फ एक ही व्यक्ति से प्यार कर सकता है। खैर छोडो ।
मैं खुश हूँ तुम्हारे लिए की तुम्हे तुम्हारी पसंद का कोई मिल गया है । जिसके बारे में सोच कर तुम मुस्कुरा सकती हो।
मुझे नींद आ रही है! बाहर की आवाजें आनी लगभग बंद हो गई है। तुमसे बिना बात के क्या बात करूँ ये उलझन भी मेरे दिल में गूँज रही है ।
पता नहीं आज के दिन की कितनी बातें तुम्हे याद रह गयी या शायद कुछ भी याद नहीं होगा और न मैं तुम्हे याद रखने के लिए बोलूगा।
ये तो बस मेरे हिस्से की यादें है जिन्हे मैं अपनी कहानियों के द्वारा सहेज के रख लेना चाहता हूँ। और जरुरी भी है तुम्हारा सब कुछ भूल जाना। पिछली कहानियों को वर्तमान में लाकर जीने की कोशिश करोगी तो नयी कहानियां कहा से लाओगी। हमेशा अपने साथ कोई भी पुरानी कहानी लेकर मत घूमना वरना नयी कहानियां बुन पाने में परेशानी होगी ।जीवन एक सफर है जब तक पुरानी सड़क नहीं छोड़ोगी अगली पर सफर कैसे करोगी। जहाँ भी जाओ एक नए अनुभव और कहानी की तलाश करो।
रात ज्यादा बढ़ गयी है, तुम्हारी आँखों में अबतक कई नए ख्वाब उतर आये होंगे, और मैं खानाबदोशो की तरह अभी भी आसमान की और देखते हुए चाँद का बादलों के बीच से गुजरना देख रहा हूँ।
अब मुझे सो जाना चाहिए शायद।